Que : 70. एल्किल हैलाइड में नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया कैसे होती है? इसकी क्रियाविधि दीजिए।
Answer:
नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया :- एल्किल हैलाइडों में C - X में X(हैलोजन) के विद्युत ऋणात्मक होने के कारण कार्बन परमाणु पर आंशिक धन आवेश तथा X पर आंशिक ऋण आवेश उत्पन्न हो जाता है। जिसके कारण कार्बन पर नाभिक स्नेही अभिकर्मक आक्रमण करता है तथा हैलोजन को प्रतिस्थापित करके स्वयं जुड़ जाता है इस प्रकार की अभिक्रियाओं को नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाएं कहते हैं।
R-X+OH (जलीय KOH) - R-OH + X
यहाँ X (हैलोजेन), नाभिकस्नेही OH द्वारा प्रतिस्थापित हो रहा है।
यह अभिक्रिया दो क्रिया विधियों द्वारा सम्पन्न होती है -
(1) एक अणुक (SN1) क्रियाविधि :- इसमें अभिक्रिया दो पदों में होती है। प्रथम चरण में विषमांगी विदलन मंद पद द्वारा. कार्बोकैटायन देता है। दूसरे चरण में नाभिक स्नेही OH आयन तीव्र पद द्वारा कार्बोकैटायन से संयोग करता है।
द्विअणुक (SN2) क्रियाविधि :- इसमें अभिक्रिया एक पद में होती है नाभिकस्नेही हैलाइड के विपरीत दिशा से आक्रमण कर अस्थायी संकुल बना देता है जिससे हैलाइड अलग हो जाता है।