Q.35: निम्नलिखित आभकियाओं को समझाइये :
(a) राइमर - टीमन अभिक्रिया
(b) कोल्बे अभिक्रिया ।
Answer:
(a) राइमर - टीमन अभिक्रिया : क्षार NaOH की
उपस्थिति में फीनॉल का उपचार क्लोरोफॉर्म के साथ करके अम्लीकृत किये
जाने पर — CHO समूह मुख्यतः ऑर्थो स्थान पर प्रवेश करता है।
(b) कोल्बे अभिक्रिया - जब CO, प्रवाहित करते
हुए सोडियम फिनॉक्साइड को गर्म किया जाता है तब कार्बोक्सीकरण प्रक्रिया
होती है। p-हाइड्रॉक्सी बेंजोइक अम्ल की सूक्ष्म मात्रा के साथ मुख्य
क्रियाफल के रूप में o-हाइड्रॉक्सी- बेंजोइक अम्ल (सैलिसिलिक अम्ल) का
निर्माण होता है।